देहरादून।प्रदेश में जैसे ही निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रत्याशी नामांकन करेगा तो उसके खर्च का मीटर चालू हो जाएगा। जिलाधिकारियों के स्तर से सभी प्रचार सामग्री से लेकर चाय तक के दाम तय कर दिए गए हैं। उसी हिसाब से प्रत्याशियों को अपने खर्च का पूरा रिकॉर्ड रखना पड़ेगा।
इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव में खर्च की निगरानी का तंत्र मजबूत कर दिया है। पहली बार सभी जिलों में एक-एक व्यय प्रेक्षक बनाए जा रहे, जिनके नीचे पूरी टीम काम करेगी। भारत निर्वाचन आयोग की तर्ज पर यहां भी प्रत्याशियों के नामांकन के साथ ही खर्च का मीटर चालू हो जाएगा।इसके बाद प्रत्याशी जो भी खर्च करेगा, उसका पूरा रिकॉर्ड प्रमाण के साथ रखना होगा। सभी रिटर्निंग अफसरों को ये जिम्मेदारी दी गई कि वह पूरे चुनाव के दौरान कम से कम तीन बार प्रत्याशियों को खर्च का रिकॉर्ड मिलान करने के लिए बुलाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग की टीम प्रत्याशियों के कार्यक्रमों पर भी पूरी नजर रखेगी। इस बार आयोग ने खर्च की सीमा बढ़ा दी है, लेकिन इसके साथ ही निगरानी का तंत्र भी मजबूत कर दिया है।
व्यय प्रेक्षक भी एक जिले में तीन दिन रहेंगे
व्यय प्रेक्षकों को निर्देश हैं कि वह एक जिले में कम से कम तीन दिन रहेंगे और सभी निकायों के प्रत्याशियों के खर्च ब्योरा लेंगे। जिलाधिकारियों ने चुनाव के लिए सभी जिम्मेदार अफसर तय कर दिए हैं। उन्हें उनकी जिम्मेदारी से संबंधित कार्यों की जानकारी भी दी जा रही है। माना जा रहा कि 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
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