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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस पर हिमालय के संरक्षण के लिए एक विशेष समिति बनाने का किया एलान

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस पर हिमालय के संरक्षण के लिए एक विशेष समिति बनाने का एलान किया। उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकॉस्ट) के महानिदेशक दुर्गेश पंत समिति के संयोजक होंगे।

सीएम सोमवार को अपने आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित हिमालय दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव के पोस्टर का भी विमोचन किया। ये महोत्सव देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ स्थित इंजीनियरिंग कॉलेजों में आयोजित होंगे।

सीएम ने कहा, राज्य में हर वर्ष दो सितंबर को बुग्याल संरक्षण दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, देहरादून में भी इस वर्ष तापमान में काफी वृद्धि हुई। अगर तापमान इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले समय के लिए चिंताजनक है।
कहा, हमें हिमालय, जल और जंगल के संरक्षण की दिशा में मिलकर प्रयास करने हैं। सोचना होगा कि आने वाली पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमने तमाम आपदाएं देश-दुनिया में देखी हैं। हमारे प्रदेश में भी कई जगह आपदाएं आईं। सीएम ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे का भी जिक्र किया।

हिमालय से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक क्षेत्र में भी ले जाना होगा: अनिल प्रकाश जोशी

हेस्को के संस्थापक और पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा, हिमालय से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक क्षेत्र में भी ले जाना होगा। देश के कई बड़े संस्थान हिमालय के संरक्षण एवं क्षेत्र में अध्ययन का कार्य कर रहे हैं। इन सभी संस्थाओं को एक मंच पर लाकर हिमालय विकास पत्र पर कार्य होना चाहिए।
विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा, मध्य हिमालय के लिए विकास का मॉडल बनना जरूरी है। महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो दुर्गेश पंत ने हिमालय दिवस की जानकारी दी। इस मौके पर विधायक सविता कपूर, विधायक उमेश शर्मा काऊ, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, प्रमुख वन संरक्षक डाॅ. धनंजय मोहन, इसरो देहरादून के निदेशक आरपी सिंह, आईआईपी निदेशक हरेंद्र बिष्ट आदि।

प्रकृति को बचाने के लिए हर दिन काम करना है

सीएम ने कहा, हिमालय दिवस का आयोजन केवल एक सप्ताह का कार्य नहीं होना चाहिए, बल्कि प्रत्येक दिन हमें प्रकृति को बचाने का कार्य करना है। हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की जरूरत है। हिमालय के महत्व को हमें नई तरह से समझने की जरूरत है। कहा, हिमालय के संरक्षण के लिए अनेक कार्य किए जा सकते हैं।

हमने हिमालय के लिए अलग योजना का उठाया मुद्दा

सीएम ने कहा, पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में उन्होंने हिमालय के लिए अलग से योजना बनाने की बात उठाई। कहा, उत्तराखंड की जनसंख्या सवा करोड़ है और व्यवस्था हर साल लगभग 10 करोड़ लोगों के लिए करनी पड़ती है।