चार करोड़ की लागत से बनने वाले छतरपुर-ओमेक्स रेलवे अंडरपास के निर्माण के लिए तीसरी बार नारियल फोड़ा गया। सांसद अजय भट्ट और विधायक शिव अरोरा ने विधिवत भूमि पूजन कर निर्माण कार्य शुरू कराया। इससे पहले कांग्रेस के निवर्तमान पार्षद और फिर निवर्तमान मेयर नारियल फोड़कर कार्य शुरू करा चुके थे।
बुधवार को ओमेक्स काॅलोनी के पीछे आयोजित शिलान्यास समारोह में सांसद भट्ट ने कहा कि अंडरपास बनने से क्षेत्र की करीब तीस हजार आबादी के साथ ही 53 काॅलोनियों को लाभ मिलेगा। अंडरपास का निर्माण पहले ही शुरू हो जाना चाहिए था, कुछ व्यवधान के कारण समय पर काम शुरू नहीं हो पाया। कुछ लोगों की अंडरपास को लेकर असहमति थी। तकनीकी दिक्कतों को दूर करने और लोगों को सहमत करने के बाद अंडरपास के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
राजनीतिक महत्वाकांक्षा का केंद्र बना था अंडरपास
अंडरपास नेताओं की सियासी महत्वाकांक्षा का केंद्र बन गया था। नेताजी के आपसी द्वंद्व के चलते जनता भी संशय में चल रही थी। रेलवे की ओर से मंजूर अंडरपास के निर्माण के लिए कांग्रेस के निवर्तमान पार्षद मोहन खेड़ा ने नारियल फोड़कर 12 जून को निर्माण शुरू कराया था। 13 जून को एसडीएम के आदेश पर काम रोक दिया गया था। 14 जून को ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट घेराव किया था और डीएम ने एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी थी। 20 जून को विधायक शिव अरोरा ने निर्माण स्थल का निरीक्षण कर जल्द कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया था लेकिन काम शुरू नहीं हो सका था।
निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह ने मामले को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और सांसद अजय भट्ट के समक्ष भी उठाया था। मामले में ग्रामीण तो सक्रिय रहे मगर नेताओं ने चुप्पी साध ली। श्रेय लेने की होड़ में नेताओं ने अंडरपास को महत्वाकांक्षा का केंद्र बना दिया। अगस्त में प्रशासन की एनओसी मिलने के बाद आठ अक्तूबर को ठेकेदार, निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह सहित ग्रामीणों की मौजूदगी में नारियल फोड़कर निर्माण कार्य शुरू कराया था। इसके बाद फिर से इसमें अड़चन लगा दी गई। अब बुधवार को भव्य आयोजन के साथ ही फिर से तीसरा नारियल फोड़कर निर्माण शुरू कराया गया। स्थिति यह रही कि तीनों ही बार रेलवे के अधिकारी आयोजन से दूर रहे थे।
कांग्रेस पार्षद को तवज्जो, निवर्तमान मेयर को आमंत्रण तक नहीं
सियासी प्रतिद्वंद्विता का केंद्र बने अंडरपास के तीसरे शुभारंभ पर अजब की सियासी तस्वीर दिखाई दी। अंडरपास का पहली बार निर्माण रोके जाने के बाद शुरू करने की मांग को लेकर मुखर रहे नेताओं को तीसरे शुभारंभ पर दरकिनार कर दिया गया। मंच पर अंडरपास के निर्माण की मांग को लेकर शुरू से ही आवाज उठाने वाले कांग्रेस के इसी क्षेत्र के निवर्तमान पार्षद मोहन खेड़ा सहित कई लोग आमंत्रित थे लेकिन मामले को लेकर मुखर रहे निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौहान, मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष बलदेव सिंह छाबड़ा सहित कई लोगों को आमंत्रण तक नहीं दिया गया। नई सियासी तस्वीर को लेकर लोगों के बीच तमाम चर्चाएं हैं।
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