अल्मोड़ा।सल्ट विकासखंड के मरचूला के पास बीते सोमवार को हुए भीषण हादसे में मारे गए बराथ गांव के चार लोगों के शवों का अंतिम संस्कार हरिद्वार ले जाकर किया गया। गांव के कई लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे।
वहीं इस हादसे के बाद से गांव में पसरा मातम दूसरे दिन भी छाया रहा। ग्रामीणों के अनुसार कई घरों में तो चूल्हे हीं नहीं जले। जो लोग हादसे का शिकार हुए हैं उनके परिजनों को ढाढ़स बंधाने के लिए ग्रामीणों और आसपास के रिश्तेदारों का आवागमन दिनभर चलता रहा। सोमवार को हुए बस हादसे में बराथ गांव के छह लोगों की मौत हो गई थी। इनमें राकेश ध्यानी, उनकी बेटी मानसी, दीपक रावत और उनके बेटे आरव के अलावा एक अन्य ग्रामीण देवेंद्र सिंह और उनकी भाभी सुमन की मौत हो गई। सुमन और देवेंद्र के शव उनके पीरूमदारा स्थित घर भिजवा दिए थे। जबकि चार अन्य के शव ग्रामीण बराथ गांव में ही ले आए थे। जहां से इन चारों शवों को अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाया गया।
प्रधान सरस्वती देवी के पति विजय पाल सिंह ने बताया कि चारों शवों का हरिद्वार में गंगा के किनारे श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान गांव के अनिल गोनियाल, दिनेश गोनियाल, सुनील कुमार, वीरेंद्र रावत आदि मौजूद रहे। हादसे से गांव में मौत का मातम दूसरे दिन भी छाया रहा
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