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शककी पति ने पत्नी को उतारा मौत के घाट,चेहरे पर फावड़े से किये कई वार,रातभर लाश को देखता रहा पति

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खटीमा।श्रमिक ने प्रेम संबंधों के संदेह में शनिवार देर रात फावड़े से ताबड़तोड़ वारकर 55 वर्षीय पत्नी की हत्या कर दी। आरोपी पति वारदात को अंजाम देने के बाद कई घंटों तक लाश के पास ही गुमशुम बैठा रहा। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस के मुताबिक, खटीमा के साल बोझी नंबर-1 निवासी श्रमिक नरेंद्र कुमार ने पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि शनिवार देर रात 12.50 बजे उसकी पत्नी पिंकी देवी ने फैक्ट्री में फोन कर घर में अनहोनी की जानकारी दी।

आनन-फानन से घर पहुंचे नरेंद्र ने देखा कि उसकी मां आशा देवी खून से लथपथ लाश बिस्तर पर थी। उनकी गर्दन कटी हुई थी। पिंकी ने बताया कि रात करीब साढ़े ग्यारह बजे उनके ससुर मेघनाथ पुत्र गुलाब राम ने फावड़े से उनकी सास को सोते समय फावड़े से कई वार कर हत्या कर दी।

नरेंद्र ने बताया कि उसके पिता उसकी मां पर शक करते थे। इसी शक में पिता ने हत्या को अंजाम दिया। मेघनाथ का परिवार मूल रूप से गांव बमरौली थाना बिलसंडा बीसलपुर पीलीभीत का रहने वाला है। कुछ वर्षों से साल बोझी नंबर-1 में किराए के मकान में रह रहे हैं।

पत्नी का कत्ल कर लाश के पास बैठा रहा हत्यारोपी

हत्यारोपी मेघनाथ ने अपनी पत्नी का फावड़े से ताबड़तोड़ कई वार कर बेहरमी से कत्ल कर दिया और वहीं पर शांत होकर बैठ गया। हत्यारोपी न तो कहीं भागा और न ही उसके चेहरे पर कोई भाव थे। पत्नी की हत्या के बाद उसने किसी को कुछ नहीं कहा। घर में चीख पुकार मचती रही, लेकिन वह एक जगह पर बैठा रहा। पुलिस ने जब हत्यारोपी को गिरफ्तार किया तब भी वह भाव शून्य ही रहा।

पीएम हाउस में आए मृतका के पुत्र नरेंद्र ने बताया कि उसके पिता की दिमागी हालत एक साल से सही नहीं चल रही थी। उनका उपचार बरेली के जिला अस्पताल में चल रहा था। नरेंद्र ने बताया कि एक साल पहले उसके भाई आकाश का नोगवांठग्गू में नहर किनारे संदिग्ध अवस्था में शव मिला था। उसके भाई की मौत के बाद से ही उसके पिता गुमसुम रहने लगे थे।जब उन्हें पिता के व्यवहार में अंतर नजर आया तो वह लोग उन्हें बरेली जिला अस्पताल लेकर गए, जहां उनका उपचार चल रहा है। नरेंद्र ने बताया कि उसके पिता की दवाइयां लगातार चल रही थीं, लेकिन इस बीच पिता उसकी मां पर शक करने लगे और वह शक इतना बढ़ जाएगा अहसास नहीं था। एक वर्ष के अंतराल में घर में दो मौत के बाद परिवार बुरी तरह टूट गया है। इस वारदात से हर कोई हैरान है। किसी को इसका अंदाजा नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा।

ड्यूटी जाने से पहले मां ने बेटे को दिया टिफिन, फिर बच्चों के साथ खेलने लगी

नरेंद्र ने बताया कि जब वह घर से निकला घर का माहोल सामान्य था। इस समय उसकी नाइट शिफ्ट चल रही है। मां ने उसे रोज की तरह टिफिन दिया और फिर घर में बच्चों के साथ खेलने लगीं। रात को वह प्लांट के अंदर था। वहां फोन लेकर जाने की अनुमति नहीं थी। रात को 12 बजकर पांच मिनट पर उसकी पत्नी ने फोन कर कंपनी में बताया कि घर पर मां की हत्या हो गई है। कंपनी के लोगों ने भी उससे यही कहा कि घर पर कोई ट्रेजडी हो गई है।

ईस्टर कारखाने में हेल्पर रहा था हत्यारोपी मेघनाथ

हत्यारोपी का परिवार मूल रूप से पीलीभीत उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। गांव में खेती बाड़ी करना ही इस परिवार का मूल पेशा है। तीस साल पहले मेघनाथ रोजगार की तलाश में खटीमा आ गया और ईस्टर कारखाने में हेल्पर का काम करने लगा। कुछ समय ही मेघनाथ सेवानृित्त हुआ था। रिटायर होने के बाद से ही वह घर पर रह रहा था।