देहरादूनः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को आईपीएस अफसरों की प्रतिनियुक्ति पर दिशा निर्देश जारी किए हैं. इन्हीं निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड से भी कई आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) की ऑफर लिस्ट में शामिल किया गया है. हालांकि, इसमें कुछ बदलाव करने की तैयारी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में राज्य सरकारों को प्रतिनियुक्ति को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि कुछ राज्य आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को अफसरों के पर्याप्त नाम नहीं भेज रहे हैं. जबकि कई राज्य ऐसे भी हैं जो एडीजी (एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) या डीजी (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) स्तर पर सीनियर आईपीएस अधिकारियों के नाम ही प्रतिनियुक्ति के लिए ऑफर लिस्ट में शामिल करवा रहा है. जबकि पुलिस अधीक्षक (एसपी) से लेकर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजी) स्तर तक के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति में अधिक जरूरत महसूस की जा रही है. ऐसे में राज्य सरकारों को पुलिस अधीक्षक से आईजी स्तर तक के अधिकारियों के नाम भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं.
आईजी और डीआईजी रैंक के अधिकारी शामिल:
उत्तराखंड में पुलिस मुख्यालय ने कुछ महीने पहले शासन को आईजी और डीआईजी रैंक के अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति में भेजे जाने की सिफारिश के साथ शासन को पत्र भेजा था. जिसका संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड शासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को आईजी और डीआईजी रैंक के 8 अधिकारियों के नाम ऑफर लिस्ट में शामिल करने के लिए भेजे थे.
इन अधिकारियों के भेजे गए नाम: खास बात यह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी अपनी प्रतिनियुक्ति से जुड़ी ऑफर लिस्ट में उत्तराखंड के आठ आईपीएस अधिकारियों के नाम शामिल कर लिए थे. इन अधिकारियों में आईजी नीरू गर्ग, मुख्तार मोहसिन, अरुण मोहन जोशी और राजीव स्वरूप का नाम शामिल था. उधर डीआईजी स्तर पर जन्मेजय खंडूरी, सेंथिल अबुदई, पी रेणुका देवी और वरिंदरजीत सिंह का नाम शामिल था
चार अधिकारियों ने दी सहमति:
हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ऑफर लिस्ट में नाम शामिल होने के बाद इस पर संशोधन की प्रक्रिया भी शासन में शुरू की गई. बताया गया कि कुछ आईपीएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की सहमति नहीं है. जबकि प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए आईपीएस अधिकारी की सहमति भी जरूरी है. जानकारी के मुताबिक, शासन ने आईपीएस अधिकारियों के सहमति लिए बिना ही उनके नाम केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे हैं. उधर अब खबर है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए चार आईपीएस अधिकारियों की सहमति मिल गई है. हालांकि यह सभी डीआईजी रैंक के अधिकारी बताए गए हैं. उत्तराखंंड विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने चार आईपीएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की सहमति मिलने की पुष्टि की है.
इन अधिकारियों के नाम हटाने के लिए MHA को लिखा पत्र:
उत्तराखंड शासन ने चार सीनियर आईपीएस अधिकारियों के नाम ऑफर लिस्ट से हटाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व में उत्तराखंड के आठ आईपीएस अधिकारियों के नाम ऑफर लिस्ट में शामिल किए थे. लेकिन अब इन अधिकारियों की सहमति नहीं मिल पाने के कारण उनके नाम वापस हटाने के प्रयास किए गए हैं. हालांकि अब यह केंद्रीय गृह मंत्रालय पर निर्भर करता है कि वह उत्तराखंड शासन के इस निवेदन को स्वीकार करता है या नहीं. इसकी वजह यह भी है कि मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (MHA) की ऑफर लिस्ट में नाम शामिल करने के बाद 1 साल तक ये नाम सूची में रहते हैं.
पी रेणुका देवी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए किया गया कार्य मुक्त: उत्तराखंड में 2008 बैच की आईपीएस अधिकारी पी रेणुका देवी को उत्तराखंड शासन ने कार्य मुक्त कर दिया है. दरअसल पी रेणुका देवी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में प्रतिनियुक्ति के लिए स्वीकृति मिल गई है. आईपीएस पी रेणुका देवी को अगले 5 सालों के लिए प्रतिनियुक्ति की स्वीकृति मिली है. उत्तराखंड से कार्य मुक्त किए जाने को लेकर शासन स्तर पर गृह सचिव ने आदेश जारी कर दिए हैं. फिलहाल आईपीएस पी रेणुका देवी उत्तराखंड में डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.
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