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जसपुर:भाजपा का नहीं हुआ खत्म हुआ बनवास, कांग्रेस की इस बार भी जमानत जब्त

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निर्दलीय नौशाद सम्राट के सिर सजा जसपुर पालिका अध्यक्ष का ताज

जसपुर। नगर पालिका परिषद के सम्पन्न हुये चुनाव में इस बार निर्दलीय प्रत्याशी ने भारी मतों से जीत दर्ज कर भाजपा का बीते दो दशक से चले आरहे बनवास को और आगे बढ़ा दिया हे। वहीँ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को इस बार भी ना सिर्फ करारी हार का मुंह देखना पढ़ा बल्कि अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई।वहीँ इस से इतर दुसरी बार निर्दलीय तोर चुनावी मैदान मे उतरे
नौशाद सम्राट ने 15054 वोट हांसिल कर अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार खन्ना को 3137 वोटों से शिकस्त डे डाली ।

बतादें कि जसपुर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा से अशोक कुमार खन्ना, कांग्रेस से जाकिर हुसैन नूरी और बसपा से वसीम अली मैदान

में थे। इनके अलावा 11 निर्दलीय प्रत्याशी भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे। चुनाव से पहले निर्दलीय प्रत्याशी मौहम्मद अनीस रूबी ने निर्दलीय प्रत्याशी मौहम्मद नौशाद सम्राट को अपना समर्थन दे दिया था। गुरूवार को मतदान के बाद शनिवार के दिन मतगणना का दौर शुरू हुआ। काशीपुर अनाज मंडी में सुबह से शुरू हुई मतगणना के परिणामों पर प्रत्याशियों और स्थानीय मतदाताओं ने नजर जमाए रखी। पल-पल का अपडेट सोशल मीडिया पर चलता रहा। देर शाम आये परिणामों की चुनाव निर्वाचन अधिकारी चतर सिंह
चौहान ने घोषणा की। निर्दलीय प्रत्याशी मौहम्मद नौशाद सम्राट ने 15054 वोट हांसिल कर पालिका अध्यक्ष पद पर जीत का परचम फेरादिया।भाजपा के अशोक कुमार खन्ना को 11917 वोट प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस के जाकिर हुसैन नूरी को 4594 वोटों से संतुष्टी करनी पड़ी। चुनाव में 44 मतदाताओं ने नोटा पर भी मोहर लगाई एवं 1538 वोट रद्द भी हुए। निर्वाचन अधिकारी ने नौशाद सम्राट को प्रमाण पत्र देकर शुभकानाएँ दी। नवनिर्वाचित पालिका अध्यक्ष नौशाद सम्राट ने मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। साथ ही किये गये वादों को पूरा करने की बात कही। नौशाद सम्राट के समर्थकों ने देर रात तक जश्न मनाया और जमकर आतिशबाजी की। नौशाद सम्राट की जीत पर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल, मौहम्मद अनीस, शहाबुद्दीन, शहजाद हुसैन, कदीर अहमद आदि ने शुभकानाएं दीं।

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….आखिर कब खत्म होगा भाजपा-कांग्रेस का कुहासा!

बागी बिगाड़ते रहें हे दोनों दलों का खेल,

जसपुर मे बीते दो दशक से दोनों राष्ट्रीय दल एक अदद जीत को तरसते रहें हैँ। या यह कहे कि दोनों ही दलों की हार का कुहासा खत्म होने का नाम नहीं लें रहा हे। दोनों ही दलों के सामने हर सब से बड़ी समस्या बागीहोकर चुनाव लड़ने वाले ही हार का सबब बनते रहते हैँ। हाला कि इसबार भाजपा को इस से राहत रही कि किसी बागी ने अपनी मैदान मे उतर कर अपनी दावेदारी नहीं की जिस के परिणाम स्वरूप ही बीते दो दशक मे पहली बार भाजपा प्रत्याशी को इतनी बड़ी संख्या मे वोट हांसिल हो सके। लेकिन दुसरी और कांग्रेस का पुराना सिलसिला इसबार भी बादस्तूर जारी रहा।कांग्रेस ने इस बार ज़ाकिर नूरी को मैदान मे उतारा था वही पार्टी से बगावत कर अनीस रूबी ने भी ना कि अपनी ताल ठोक डाली।बल्कि पर्चा भर चुनावी मैदान मे उतर गये।वहीँ पिछले चुनाव मे कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ चुके नौशाद सम्राट ने भी निर्दलीय तोर मैदान मे रहें।इन दोनों प्रतियाशीयों की बगावत ने
कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों को शिकस्त दी।
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निर्दलीय प्रत्याशी अनीस रूबी का नौशाद के साथ आना जीत का टर्निंग प्वाइंट माना जा रहा है।

साल 2018 में नौशाद सम्राट को कांग्रेस ने पार्टी के सिंबल पर अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया था। 4392 वोट लाकर नौशाद चौथे नंबर आए थे। इस बार नौशाद ने कांग्रेस से टिकट के लिए आवेदन ही नहीं किया। पार्टी से बगावत कर सीधे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर गए। उन्होंने 15,054 सर्वाधिक वोट लाकर अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल की। युवा चेयरमैन बनने का भी रिकॉर्ड बनाया। उधर, पूर्व पालिकाध्यक्ष मो. उमर के पुत्र मो. अनीस उर्फ रूबी को जब कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विपक्षियों को टक्कर दी।
मतदान से ठीक दो दिन पहले हवा का रुख देखकर अनीस ने नौशाद को अपना समर्थन दे दिया और राष्ट्रीय पार्टियों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी। इसके नतीजे में नौशाद सम्राट अनीस के समर्थन से पालिका के चेयरमैन बन गए।

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आधा दर्जन प्रत्याशियों की जमानत जब्त

जसपुर। नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस एवं बसपा समेत छह निर्दलीय प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बसपा प्रत्याशी को उनके वार्ड मेंबर से भी कम वोट पड़े।

नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस, भाजपा एवं बसपा समेत 14 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे। निर्दलीय प्रत्याशी मो. अनीस रूबी, नूरजहां, जहांआरा उर्फ सीमा रानी और नाजरीन ने चुनाव के दौरान मो. नौशाद सम्राट को अपना समर्थन दे दिया था।

वहीं निर्दलीय एक प्रत्याशी भारती ने कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर हुसैन नूरी व जावेद अली ने बसपा प्रत्याशी वसीम सिद्दीकी को समर्थन दिया था। इन सभी के समर्थन के बाद आठ प्रत्याशी मैदान में रह गए थे। नवनिर्वाचित चेयरमैन नौशाद ने 15054 तथा दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के अशोक कुमार प्रजापति ने 11917 वोट लाकर अपनी जमानत बचा ली।

इन प्रतियाशीयों को मिले इतने वोट

कांग्रेस के जाकिर हुसैन नूरी 5494, बसपा के वसीम सिद्दीक 708, मो. आफाक 409, चंद्रपाल सिंह 603, प्रियंका 42, सीमा देवी 89 मत लाकर अपनी जमानत नही बचा सकी। बसपा प्रत्याशी को उनके वार्ड मेंबर मेहनाज परवीन से भी कम वोट पड़े। मेहनाज को 884

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16 बूथों पर भाजपा को मिले दस से भी कम वोट

जसपुर। भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार खन्ना को 16 बूथों पर मात्र 42 वोट ही प्राप्त हुए। इनमें से चार बूथों पर भाजपा को जीरो वोट मिले। भाजपा इन सभी बूथों पर दस का आंकड़ा भी