आलम रज़ा
हल्द्वानी । एक और प्रेम कहानी का खोफनक अंत का सनसनी खेज मामला कुमाऊं के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी शहर में सामने आया हे। आठ वर्ष पूर्व जब अफसाना को सौरभ से प्यार हुआ था। तब उसने जरा भर भी यह नही सोचा होगा कि अपने खून के रिश्तों को दर किनार कर जिस को वह अपना हमसफर बना रही हे एक दिन वह ही उस को ऐसी खिफनाक मौत देगा।
सौरभ के लिए उसने अपना घर और धर्म दोनों छोड़ दिए थे। संग जीने-मरने की कसमें खाई थीं। दोनों की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था और फिर सौरभ शराब का आदी हो गया। छोटी-छोटी बातों पर मारपीट व झगड़ा उसकी आदत बन गई थी। आठ अप्रैल की रात को सौरभ शराब पीकर घर पहुंचा और जिन हाथों से उसने पत्नी की मांग में संदूर भरा था, उन्हीं हाथों को उसने खून से रंग लिया। हत्यारोपित सौरभ शिवाजी कालोनी में गंगाराम मौर्य के मकान की दूसरी मंजिल में रहता था। छह अप्रैल को भी सौरभ व अफसाना के बीच झगड़ा हुआ था, तब गंगाराम ने दोनों को फटकार लगाई थी। इसके बाद सौरभ बड़ी बेटी को अपने संग लेकर घर से चला गया था। आठ अप्रैल की रात को 12 बजे सौरभ फिर घर पहुंचा। उसने गेट का दरवाजा खटखटाया। गंगाराम उठे और दरवाजा खोला। सौरभ
नशे में धुत था। साथ में बेटी भी थी। लड़खड़ाते कदमों से वह दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में पहुंचा, जहां अफसाना छोटी बेटी के साथ सो रही थी। अफसाना को सौरभ का शराब पीकर घर आना पसंद नहीं था। इसलिए वह उसे समझाने का प्रयास करती रही। मकान मालिक गंगाराम मौर्य के अनुसार, रात में सौरभ व अफसाना के बीच झगड़ा हुआ फिर मारपीट हुई। आशंका जताई कि इसी बीच सौरभ ने उसका गला घोंट दिया। जिस कमरे में अफसाना को मारा गया, उसी में परिवार खाना बनाता था। बगल में दो लड़के किराए पर रहते हैं, जबकि व नीचे मकान मालिक व उसका बेटा,मगर किसी को हत्या का पता नहीं चला। दुर्गंध आने पर भी किसी ने कमरे में जाने की कोशिश नहीं की। सभी को लगा था कि परिवार रुद्रपुर अपने घर गया होगा। पुलिस सत्यापन न कराने वालों पर कार्रवाई का ढिंढोरा पीटती रहती है। एक बार कार्रवाई कर लेती है तो पूरे इंटरनेट मीडिया में ऐसा माहौल बना दिया जाता है, जैसे एवरेस्ट फतह कर लिया हो, मगर चेकिंग खानापूर्ति तक रहती है। बुध वार को जिस कमरे में महिला की सड़ी-गली लाश मिली, उसके पति व महिला के घर को तलाशने में पुलिस को काफी परेशानी उठानी पड़ी। मंडी चौकी इंचार्ज विजय मेहता व सिपाहियों को रुद्रपुर भेजा गया। काफी देर तक उन्हें घर ही नहीं मिला। समय पर मकान मालिक ने इनका सत्यापन कराया होता तो पुलिस को परेशान नहीं होना पड़ता। लोगों का यही कहना है कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि किराएदारों का सत्यापन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाए। न कि
माहौल बनाया जाए। अब पुलिस संबंधित मकान मालिक पर 10 हजार का चालान कर लेगी। पड़ोसियों का कहना है कि अफसाना अपने किसी पड़ोसी से मतलब नहीं रखती थी, लेकिन संतोष नाम की एक महिला से उसकी नजदीकियां थीं। पुलिस ने संतोष को हिरासत में लेकर पूछताछ की। हालांकि, बाद में उसे छोड़ दिया गया। आशंका यह भी जताई जा रही है कि पति ने बच्चों के सामने तो पत्नी का गला नहीं घोंटा, क्योंकि पत्नी व दो बेटियां एक ही बिस्तर पर लेटी थीं। गला घोंटने पर वह तड़पी होगी। महिला कमरे में औंधे मुंह पड़ी मिली। जिस बिस्तर पर अफसाना की लाश मिली, वह खून से लथपथ था। पुलिस दावा कर रही है कि शरीर पर चोट व कोई जख्म नहीं हैं। मेडिकल कर्मियों के अनुसार, शव सड़ने पर खून व पानी छोड़ने लगता है। इस स्थिति में खून निकल सकता है।
अफसाना उर्फ आस्था के मायके पक्ष के लोगों ने शव लेने से किया इन्कार
पुलिस ने बुधवार को अफसाना के मायके पक्ष के लोगों को बुलाया था। पहले वह आने से ही आनाकानी कर रहे थे। बाद में अफसाना के पिता सफीक अहमद, भाई शाहिद और जीजा नाजिम निवासी सुभाष कॉलोनी रुद्रपुर हल्द्वानी मोर्चरी पहुंचे।
उन्होंने पंचनामा में हस्ताक्षर किए और शव लेने से मना कर दिया। उधर ससुराल पक्ष ने भी शव लेने से मना कर दिया। इस कारण बुधवार को पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। बृहस्पतिवार को सौरभ के पिता, भाई और बहन मोर्चरी पहुंचे। यहां डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर मारने की पुष्टि हुई है। पुलिस ने अफसाना का शव ससुराल पक्ष को सौंप दिया।
तीन महीने से किराए पर रह रही थीआस्था उर्फ अफसाना
जानकारी के मुताबिक, मूलरूप से रूद्रपुर की रहने वाली महिला आस्था उर्फ अफसाना रामपुर रोड स्थित नीलांचल कालोनी फेस 5 शिवा कालोनी में पिछले तीन महीने से किराए पर रह रही थी। महिला का पति महीने में एक दो बार ही यहां पर आता था। बुधवार को महिला का शव संदिग्ध हालत में कमरे में पाया गया। मकान गंगाराम मौर्य ने मामले की सूचना टीपी नगर चौकी को दी। सूचना मिलने के बाद टीपी नगर चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस को बताया गया है कि अफसाना का पति 8 अप्रैल को नशे में चूर होकर आया और उसी रात 4 बजे दोनों बच्चियों को लेकर चला गया था। आस्था उर्फ अफसाना भी दो दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकली। इस दौरान मकान मालिक मौर्य ने आस्था को फोन किया तो उसका फोन बंद आ रहा था जब वह बुधवार को आस्था से मिलने कमरे से बदबू आ रही थी।
क्या था पूरा मामला ?
आस्था उर्फ़ अफसाना को 8 साल पहले सौरभ से प्यार हो गया था जिसके बाद उसने अपना घर-परिवार और धर्म बदलकर सौरभ से शादी कर ली। सब कुछ सही चला उन्होने दो बेटियों को भी जन्म दिया। लेकिन सौरभ नशे का आदि हो गया जिस कारण अक्सर दोनों में झगड़ा, मारपीट होने लगा और जिन हाथों से उसने पत्नी की मांग में संदूर भरा था, उन्हीं हाथों को उसने खून से रंग लिया। हत्यारोपित सौरभ शिवाजी कालोनी में गंगाराम मौर्य के मकान की दूसरी मंजिल में रहता था।
दोनों के बीच हुआ था झगड़ा !
6 अप्रैल को दोनों के बीच झगड़ा हुआ जिसपर मकान मालिक गंगाराम ने दोनों को फटकार लगाई। जिसके बाद सौरभ अपनी बड़ी बेटी को लेकर चला गया। 8 अप्रैल को वह रात के 12 बजे घर नशे की हालत में बेटी को लेकर घर पहुंचा। इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा-मारपीट हुई। आशंका जताई जा रही है कि इसी बीच सौरभ ने उसका गला घोंट दिया होगा। इसके बाद उसी रात 4 बजे वो अपनी दोनों बच्चियों को अपने साथ लेकर चला गया था। बगल में किराए पर दो लड़के रहते हैं और नीचे गंगाराम लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चला उन्हें लगा सब लोग रुद्रपुर चले गए हैं।
घटटना के चश्मदीद दो मासूमों की जान खतरे में
अपनी पत्नी आस्था उर्फ अफसाना की हत्या करने वाला सौरभ अपनी नाबालिग बेटियों को भी मौत के घाट उतार सकता है। दोनों बेटियां ही अफसाना की मौत की इकलौती चश्मदीद हैं। घटना के बाद से फरार सौरभ आगरा को छिपने का ठिकाना बना सकता है, क्योंकि वह काफी समय से वहीं काम कर रहा था। बताया जा रहा हे पुलिस सौरभ की तलाश में है, लेकिन उसकी लोकेशन अभी ट्रेस नहीं हो पाई है।
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